अमोल मालुसरे- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण नियम 2006 की नियम 15 में विहित किये गये अनुसार संरक्षण आदेशों का भंग होने पर की जानेवाली प्रक्रिया क्या है?
उत्तर- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण नियम 2006 की धारा 15
में विहित किये गये अनुसार संरक्षण आदेशों का भंग होने पर की जाने वाली प्रक्रिया निम्नानुसार-
नियम 15. संरक्षण आदेशों का भंग होना-
1 कोई व्यथित व्यक्ति, संरक्षण अधिकारी को संरक्षण आदेश या किसी अंतरिम संरक्षण आदेश के भंग की रिपोर्ट कर सकेगा।
2 उपनियम 1 में निर्दिष्ट प्रत्येक रिपोर्ट सूचना देने वाले द्वारा लिखित म होगी और व्यथित द्वारा सम्यक रुप से हस्ताक्षरित होगी।
3. संरक्षण अधिकारी ऐसी शिकायत की एक प्रति ऐसे संरक्षण आदेश के साथ भेजेगा जिसके भंग होने का अभिकथन किया गया है, समुचित आदेशों के लिए संबद्ध मजिस्ट्रेट को भेजेगा।
4. व्यथित व्यक्ति यदि वह ऐसी वांछा करती है तो, संरक्षण आदेश या अंतरिम संरक्षण आदेश के भंग की शिकायत सीधे, यदि वह ऐसा चयन करे, मजिस्ट्रेट या पुलिस को कर सकेगी।
5. यदि संरक्षण आदेश के भंग किए जाने के पश्चात किसी भी समय, व्यथित व्यक्ति सहायता चाहती है तो, संरक्षण अधिकारी तुरंत स्थानीय पुलिस थाने से उसको बचाने के लिए पुलिस मांग सकेगा और समुचित मामलों में स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को रिपोर्ट दर्ज कराने में व्यथित व्यक्ति की सहायता कर सकेगा
6. जब धारा 31 या भारतीय दंड संहिता, 1860 (1860 का 45) की धारा 498 क के अधीन अपराधों के संबंध में या किसी अन्य अपराध के संबंध में जो संक्षिप्त विचारणीय नहीं है, आरोप विरचित किए जाते है तथा न्यायालय दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) के अधीन विहित रीति में विचारण किए जाने वाले ऐसे अपराधों के लिए कार्यवाहीयों को पथक कर सकेगा और दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) केअधीन विहीत रीति में विचारण किए जाने वाले ऐसे अपराधों के लिए कार्यवाहीयों को पृथक कर सकेगा और दंड प्रक्रिया संहिता 1973 (1974 का 2) के अध्याय 21 के उपबंधों के अनुसरण में, धारा 31 के अधीन संरक्षण आदेशों को भंग करने के अपराध के लिए संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया आरंभ कर सकेगा।
7. प्रत्यर्थी द्वारा इस अधिनियम के अधीन न्यायालय के आदेशों के प्रत्यावर्तन में कोई अवरोध या किसी अन्य व्यक्ति द्वारि जो उसकी ओर से कार्य करने के लिए तात्पर्यित है, अधिनियम के अधीन आने वाले संरक्षण आदेश या किसी अंतरिम संरक्षण आदेश का भंग होना समझा जाएगा।
8. किसी संरक्षण आदेश या किसी अंतरिम संरक्षण आदेश का कोई भंग होने पर तत्काल स्थानीय अधिकारिता रखने वाले स्थानीय पुलिस थाने को तत्काल रिपोर्ट की जाएगी और उस पर धारा 31 और धारा 32 के अधीन यथा उपबंधित संज्ञेय अपराध के रूप में कार्यवाही की जाएगी।
9. जब अधिनियम के अधीन गिरफ्तार व्यक्ति को जमानत पर छोडते समय न्यायालय आदेश द्वारा व्यक्ति के संरक्षण के लिए निम्नलिखित शर्ते लगा सकेगा और न्यायालय के समक्ष अभियुक्त की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए जिसमें निम्नलिखित सम्मिलित होंगे-
क] अभियुक्त को घरेलु हिंसा के किसी कृत्य कारित करने की धमकी देने या करने से अवरुद्ध करने का कोई आदेश;
ख] अभियुक्त को व्यथित व्यक्ति को परेशान करने, टेलीफोन करने या कोई संपर्क करने से रोकने का कोई आदेश;
ग] अभियुक्त को व्यथित व्यक्ति के निवास स्थान या किसी अन्य स्थान पर, जहाँ उसके जाने की संभावना हो, खाली करने या उससे दूर रहने का कोई आदेश;
घ] कोई आग्नेय अस्त्र या कोई अन्य खतरनाक हथियार के कब्जे में रखने या उपयोग करने से प्रतिषिद्ध करने का कोई आदेश;
ड] एल्कोहल या कोई अन्य मादक ओषधि के उपयोग को प्रतिषिद्ध करने का कोई आदेश;
च] कोई अन्य आदेश जो व्यथित व्यक्ति के संरक्षण, सुरक्षा और पर्याप्त अनुतोष के लिए अपेक्षित हो।
Leave a comment