अमोल मालुसरे- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 2 परिभाषाएं में विहित किये गये अनुसार “सेवा प्रदाता” से क्या अभिप्रेत है ?
उत्तर- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 2 परिभाषाएं में विहित किये गये अनुसार–
इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-
“सेवा प्रदाता” से धारा 10 की उपधारा (1) के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई अस्तित्व अभिप्रेत है।
धारा 10. सेवा प्रदाता –
उपधारा1. -ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए जो स निमित्त बनाए जाएं, सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 (1860 का 21) के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई स्वैच्छिक संगम या कम्पनी अधिनियम 1956 (1956 का 1) के अधीन या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन रजिसट्रीकृत कोई कम्पनी, जिसका उद्देश्य किसी विधिपूर्ण साधन द्वारा, महिलाओं के अधिकारी और हितों का संरक्षण करना है, जिसके अन्तर्गत विधिक सहायता, चिकित्सीय सहायता या अन्य सहायता उपलब्ध कराना भी है, स्वयं को इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए एक सेवा प्रदाता के रुप में राज्य सरकार के पास रजिस्टर कराएगी।
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