अमोल मालुसरे-घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण नियम 2006 की नियम 8 में विहित किये गये अनुसार संरक्षण अधिकारियों के कर्तव्य और कृत्य क्या है?
उत्तर- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण नियम 2006 की धारा 6
में विहित किये गये अनुसार संरक्षण अधिकारियों के कर्तव्य और कृत्य निम्नानुसार-
नियम 8. संरक्षण अधिकारियों के कर्तव्य और कृत्य-
(1) संरक्षण अधिकारी का निम्नलिखित कर्तव्य होगा-
(i) व्यथित व्यक्ति को, अधिनियम के अधीन कोई शिकायत करने के लिए यदि व्यथित व्यक्ति इस प्रकार की इच्छा व्यक्त करे, सहायता देना;
(ii) अधिनियम के अधीन व्यथित व्यक्ति को प्ररुप 4 में दिए गए अधिकारों की जानकारी उपलब्ध कराना जो अंग्रेजी या स्थानीय भाषा में होगी;
(iii) किसी व्यक्ति को धारा 12 या धारा 23 की उपधारा 2 या अधिनियम या उसके अधीन बनाए गए नियमों के किन्हीं उपबंधों के अधीन कोई आवेदन करने के लिए सहा यता करना;
(iv) धारा12 के अधीन कोई आवेदन देने पर प्ररुप 5 में व्यथित व्यक्ति के परामर्श से उस स्थिति में अंतर्वलित खतरों का निर्धारण करने के पश्चात, “सुरक्षा योजना” तैयार करना जिसके अंतर्गत व्यथित व्यक्ति को और घरेलु हिंसा से निवारित करने के लिए उपाय भी है; और
(v) व्यथित व्यक्ति को राज्य विधिक सहायता सेवा प्राधिकरण द्वारा विधिक सहायता उपलब्ध कराना;
(vi) व्यथित व्यक्ति या किसी बालक को किसी चिकित्सा सुविधा पर चिकात्सा सहायता प्राप्त करने में सहायता करना जिसके अंतर्गत चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने के लिए परिवहन उपलब्ध कराना भी है;
(vii) व्यथित व्यक्ति या किसी बालक को आश्रय के लिए परिवहन प्रदान करने के लिए सहायता करना;
(viii) अधिनियम के अधिन रजिस्ट्रीकृत सेवा प्रदाताओं को सूचना देना कि अधिनियम के अधीन कार्यवाहियों में उनकी सेवाओं की अपेक्षा की जा सकेगी और अधिनियम के अधीन धारा 14 की उपधारा (1) के अधीन या धारा 15 के अधीन कल्याण विशेषज्ञों को कार्यवाहियों में परामर्शियों के रुप में उसके सदस्यों को नियुक्त करने के लिए सेवा प्रदाताओं से आवेदन आमंत्रित करना;
(ix) परामर्शदाताओं के रूप में नियुक्ति के लिए आवेदनों की संविक्षा करना और मजिस्ट्रेट को उपलब्ध परामर्शियों की सूची भेजना;
(x) उपलब्ध परामर्शदाताओं की सूची को तीन वर्ष में एक बार नए आवेदन मंगाकर पुनरिक्षित करना और उस आधार पर परामर्शदाताओं की पुनरीक्षीत सूची को संबंद्ध मजिस्ट्रेट को भेजना;
(xi) धारा 9, 12, 20, 21 , 22 और धारा 23 या अधिनियम या इन नियमों के किन्हीं उपबन्धों के अधीन अग्रेषित रिपोर्ट और दस्तावेजों के अभिलेख या प्रतियां रखना;
(xii) व्यथित व्यक्ति और बालकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कि व्यथित व्यक्ति का घरेलु हिंसा की घटना की रिपोर्ट के परिणामस्वरुप उत्पीडन नहीं किया जा रहा है या दबाव नहीं डाला जा रहा है, सभी संभव सहायता उपलब्ध कराना;
(xiii) व्यथित व्यक्ति या व्यक्तियों, पुलिस और सेवा प्रदाता के बीच अधिनियम या इन नियमों के अधीन उपबंधित रीति से संपर्क रखना;
(xiv) अपनी अधिकारिता के क्षेत्र में सेवा प्रदाताओं, चिकित्सा सुविधा और आश्रयगृहों के उचित अभिलेख रखना;
(2) संरक्षण अधिकारी को धारा 9 की उपधारा (1) के खंड (क) से (ज) के अधीन समानुदेशित दायित्वों और कृत्यों के अतिरिक्त प्रत्येक संरक्षण अधिकारी का निम्नलिखित कर्तव्य होगा-
क] घरेलु हिंसा के व्यथित व्यक्तियों को अधिनियम और इन नियमों के उपबंधो के अनुसरण में संरक्षण देना;
ख] व्यथित व्यक्ति के विरुद्ध घरेलु हिंसा की आवृत्तियों को रोकने के लिए, अधिनियम और इन नियमों के उपबन्धो के अनुसरण में सभी युक्तियुक्त उपाय करना।
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