अमोल मालुसरे- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 2 परिभाषाएं में विहित किये गये अनुसार “निवास आदेश” से क्या अभिप्रेत है ?
उत्तर- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 2 परिभाषाएं में विहित किये गये अनुसार
इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-
“निवास आदेश” से धारा 19 की उपधारा (1) के निबंधनों के अनुसार दिया गया कोई आदेश अभिप्रेत है;
धारा 19. निवास आदेश –
उपधारा (1) -धारा 12 की उपधारा (1) के अधीन किसी आवेदन का निपटारा करते समय, मजिस्ट्रेट यह समाधान होने पर कि घरेलु हिंसा हुई है तो निम्नलिखित निवास आदेश पारित कर सकेगा;
क] साझी गृहस्थी से, किसी व्यथित व्यक्ति के कब्जे को बेकब्जा करना या किसी अन्य रिति में उस कब्जे में विघ्न डालने से प्रत्यर्थी को अवरुद्ध करना, चाहे प्रत्यर्थी, उस साझी गृहस्थी में विधिक या साधारण रुप से हित रखता है या नहीं;
ख] प्रत्यर्थी को, उस साझी गृहस्थी से स्वयं को हटाने का निदेश देना;
ग] प्रत्यर्थी या उसके किसी नातेदारों को साझी गृहस्थी के किसी भाग में, जिसमें व्यथित व्यक्ति निवास करता है, प्रवेश करने से अवरुद्ध करना;
घ] प्रत्यर्थी को, किसी साझी गृहस्थी के अन्यसंक्रान्त करने या व्ययनित करने या उसके विल्लंगम करने से अवरुद्ध करना;
ड] प्रत्यर्थी को, मजिस्ट्रेट की इजाजत के सिवाय, साझी गृहस्थी में अपने अधिकार त्यजन से, अवरुद्ध करना; या
च] प्रत्यर्थी को, व्यथित व्यक्ति के लिए उसी स्तर की आनुकल्पिक वास सुविधा जैसी वह साझी गृहस्थी में उपयोग कर रही थी या उसके लिए किराए का संदाय करने, यदि परिस्थितियां ऐसी अपेक्षा करें, सुनिश्चित करने के लिए निदेश करना।
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