अमोल मालुसरे- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के धारा 5 में विहित किये गये अनुसार पुलिस अधिकारियों, सेवा प्रदाताओं और मजिस्ट्रेट के कर्तव्य क्या है?
उत्तर- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 5 में विहित किये गये अनुसार–
पुलिस अधिकारियों, सेवा प्रदाताओं और मजिस्ट्रेट के कर्तव्य-
कोई पुलिस अधिकारी, संरक्षण अधिकारी, सेवा प्रदाता या मजिस्ट्रेट, जिसे घरेलु हिंसा की कोई शिकायत प्राप्त हुई है या जो घरेलु हिंसा की किसी घटना के स्थान पर अन्यथा उपस्थित है या जब घरेलु हिंसा की किसी घटना की रिपोर्ट उसको दी जाती है तो वह, व्यथित व्यक्ति को-
क] इस अधिनियम के अधीन, किसी संरक्षण आदेश, धनीय राहत के लिए किसी आदेश, किसी अभिरक्षा आदेश, किसी निवास आदेश, किसी प्रतिकर आदेश या ऐसे एक आदेश से अधिक के रुप में किसी राहत को अभिप्राप्त करने के लिए आवेदन करने के उसके अधिकार की;
ख] सेवा प्रदाताओं की सेवाओं की उपलब्ध्ता की;
ग] संरक्षण प्रदाताओं की सेवाओं की उपलब्धता की;
घ] विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अधीन नि:शुल्क विधिक सेवा के उसके अधिकार की;
ड]जहाँ कहीं सुसंगत हो, भारतीय दंड संहिता की धारा 498 क के अधीन किसी परिवाद के फाइल करने के उसके अधिकार की,जानकारी देगा:
परंतु इस अधिनियम की किसी बात का किसी रीति में यह अर्थ नहीं लगाया जाएगा कि वह किसी पुलिस अधिकारी को किसी संज्ञेय अपराध के किए जाने के बारे में जानकारी प्रापत होने पर विधि के अनुसार कार्यवाही करने के लिए, अपने कर्तव्य से अवमुक्त करती है।
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