अमोल मालुसरे- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 2 परिभाषाएं में विहित किये गये अनुसार “प्रत्यर्थी” से क्या अभिप्रेत है ?
उत्तर- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 2 परिभाषाएं में विहित किये गये अनुसार–
इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-
“प्रत्यर्थी” से कोई वयस्क पुरूष अभिप्रेत है जो व्यथित व्यक्ति की घरेलु नातेदारी में है या रहा है और जिसके विरुद्ध व्यथित व्यक्ति ने, इस अधिनियम के अधीन कोई अनुतोष चाहा है; परंतु यह कि कोई व्यथित पत्नी या विवाह की प्रकृति की किसी नातेदारी में रहने वाली कोई महिला भी पति या पुरूष भागीदार के किसी नातेदार के विरुद्ध शिकायत फाइल कर सकेगी।
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