अमोल मालुसरे- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के अनुसार धारा 33 में विहित किये गये अनुसार संरक्षण अधिकारी द्वारा कर्तव्यों का निर्वहन न करने के लिए क्या शास्ति होगी?
उत्तर- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 33 में विहित किये गये अनुसार संरक्षण अधिकारी द्वारा कर्तव्यों का निर्वहन न करने के लिए शास्ति निम्नानुसार –
धारा 33. संरक्षण अधिकारी द्वारा कर्तव्यों का निर्वहन न करने के लिए शास्ति-
यदि कोई संरक्षण अधिकारी, संरक्षण आदेश में मजिस्ट्रेट द्वारा तथा निदेशित अपने कर्तव्यों का, किसी पर्याप्त हेतुक के बिना, निर्वहन करने में असफल रहता है या इन्कार करता है तो उसे ऐसी अवधि के कारावास से जो एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो बीस हजार रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
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