घरेलु हिंसा पर प्रश्नोत्तर

अमोल मालुसरे से जानिए घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 व नियम 2006

अमोल मालुसरे-घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण नियम 2006 की नियम 12 में विहित किये गये अनुसार सूचना की तामील का माध्यम की प्रक्रिया क्या है?

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उत्तर- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण नियम 2006 की धारा 12

में विहित किये गये अनुसार  सूचना की तामील का माध्यम निम्नानुसार-

 

 नियम 12.  सूचना की तामील का माध्यम-

(1)  अधिनियम के अधीन संबंधित कार्यवाहियों के संबंध में उपसंजात होने के लिए सूचना में घरेलु हिंसा करने वाले अभिकथित व्यक्ति का नाम, घरेलु हिंसा की प्रकृत्ति और ऐसे अन्य ब्यौरे हो॔गे, जो संबद्ध व्यक्ति की पहचान को सुकर बना सकें।

 

(2) सूचना की तामील निम्नलिखित रीती में की जाएगी, अर्थात-

क]    इस अधिनियम के अधीन कार्यवाहियों की बाबत सूचनाओं की तामील संरक्षण अधिकारी द्वारा या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा जो संरक्षण अधिकारी द्वारा उसकी ओर से ऐसी सूचना की तामील करने के लिए निदेशित किया जाए, यथास्थिति शिकायताकर्ता या व्यथित व्यक्ति द्वारा भारत में प्रत्यर्थी के उस पते  पर जहां प्रत्यर्थी मामूली रुप से निवास कर रहा है या जहां प्रत्यर्थी अभिकथित रुप से लाभ के लिए नियोजित है, कराई जाएगी;

 

ख] सूचना किसी ऐसे व्यक्ति को परिदत्त की जाएग जो उस समय ऐसे स्थान का भारसाधक है और उस दशा में जहां ऐसा परिदान संभव न हो तो उसे परिसर के सहजदृश्य स्थान पर चस्पा किया जाएगा;

 

ग] धारा  13  या अधिनियम के अन्य उपबंधों के अधीन उस सूचना की तामील नियम, 2006 सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 (1908 या 5 )  के आदेश 5 के उपबंध तथा दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2)  के अध्याय -6  के अधीन उपबंध जहां तक व्यवहार्य हो, अपनाए जा सकेंगे;

 

घ] सूचनाओं की ऐसी तामील के लिए पारित किसी आदेश का वही प्रभाव होगा जो क्रमश: सिविल प्रक्रिया संहिता 1908  केआदेश 5 या दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के अध्याय -6 में पारित आदेशों को होता, धारा  13 या अधिनियम की किसी अन्य उपबंध के अधीन ऐसी तामील के लिए कोई आदेश करने के लिए प्रभावकारी पाई गई प्रक्रिया पर निर्भर रहते हुए और आदेश 5 या अध्याय -6 के अधीन विहित प्रक्रिया के अतिरिक्त न्यायालय, अधिनियम में उपबंधित समय सीमा का पालन करने के लिए कार्यवाहियों को शीघ्रता से चलाने की दष्टी से अन्य आवश्यक उपायों के लिए भी निदेश दे सकेगा।

 

3)  प्रत्यर्थी के उपस्थित होने की नियत तारीख को किसी कथन पर या अधिनियम के अधीन सूचना की तामील के लिए प्राधिकृत व्यक्ति की इस रिपोर्ट पर, कि तामील कर दी गई है शिकायतकर्ता या प्रत्यर्थी या दोनों को सुनने के पश्चात अंतरिम राहत के लिए लंबित किसी आवेदन पर न्यायालय द्वारा समुचित आदेश पारित किया जाएगा।

 

4)  जिन प्रत्यर्थी को साक्षी गृहस्थी में प्रवेश करने से अवरुद्ध करने का संरक्षण आदेश पारित किया जाता है या प्रत्यर्थी को आदेश दिया जाता है कि वह याची से दूर रहे या उससे संपर्क न करे तब व्यथित व्यक्ति की किसी भी कार्वाही को, जिसके अंतर्गत व्यथित व्यक्ति द्वारा आमंत्रण भी है न्यायालय आदेश द्वारा प्रत्यर्थी पर अधिरोपित अवरोध को हटाना नहीं समझा जाएगा जब तक कि ऐसा संरक्षण आदेश धारा 25 की उपधारा 2 के उपबंधों के अनुसरण में सम्यक रुप से उपांतरित नहीं कर दिया जाता।

Written by 11amol

September 22, 2011 at 11:07 am

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