घरेलु हिंसा पर प्रश्नोत्तर

अमोल मालुसरे से जानिए घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 व नियम 2006

अमोल मालुसरे-घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण नियम 2006 की नियम 11 में विहित किये गये अनुसार सेवा प्रदाताओं का रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया क्या है?

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उत्तर- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण नियम 2006 की धारा 11

में विहित किये गये अनुसार  सेवा प्रदाताओं का रजिस्ट्रीकरण निम्नानुसार-

 

 नियम 11. सेवा प्रदाताओं का रजिस्ट्रीकरण-

(1)  सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम  1880 (1880  का 21) के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई स्वंयसेवी संगम या कंपनी अधिनियम, 1956, (1956 का 1)  के अधीन रजिस्ट्रीकृत या कोई कंपनी जो ततस्मय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन महिलाओं के अधिकारों और हितों की किसी विधिमान्य साधनों जिसके अंतर्गत विधिक सहायता चिकित्सा, वित्तिय या अन्य सहायताएं है और अधिनियम के अधीन सेवा प्रदाता के रुप में सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए इच्छुक हो, द्वारा रक्षा करने के उद्देश्यों के लिए रजिस्ट्रीकत कोई कंपनी हैं, राज्य सरकार को प्ररुप  6  में सेवा प्रदाता के रुप में रजिस्ट्रीकरण के लिए धारा 10 की उपधारा 1 के अधीन आवेदन करेगा।

 

(2)  राज्य सरकार. ऐसी जांच करने के पश्चात जो वह उचित समझे और आवेदक क उपयुक्तता के बारे में स्वंय का समाधान हने के पश्चात, उसे सेवा प्रदाता के रुप में रजिस्टर करेगी और ऐसी रजिस्ट्रीकरण का प्रमाणपत्र जारी करेगी:

परंतु ऐसा कोई आवेदन आवेदक को सुनवाई का अवसर दिए बिना नामंजुर नहीं किया जाएगा।

 

(3) प्रत्येक संगम या कंपनी जो धारा  10 की उपधारा 1 के अधीन रजिस्ट्रीकरण चाहती है निम्नलिखित पात्रता मानदंड रखेगी, अर्थात,

क] वह अधिनियम और इन नियमों के अधीन सेवा प्रदाता के रुप में रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन की तारीख से कम से कम तीन वर्ष पहले से इस अधिनियम के अधीन प्रस्थापित की जाने वाली प्रकार की सेवाएं कर रहा हो:

 

ख] रजिस्ट्रीकरण के लिए किसी आवेदकों के मामले में, जो किन्ही चिकित्सा सुविधा या मनोविज्ञान सलाह केन्द्र या कोई व्यवसायिक प्रशिक्षण संस्था चला रहे है, राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि आवेदक ऐसी सुविधा या संस्था को चलाने के लिए अपने अपने वृत्तिकों या संस्थाओं को विनियमित करने वाले अपने अपने विनियामक प्राधिकरणों द्वारा अधिकथित अपेक्षाओं को पूरा करते हो:

 

ग] रजिस्ट्रीकरण के लिए किसी आवेदक की दशा में, जो किसी आश्रयागृह को चला रहे है, राज्य सरकार उसके द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी या किसी प्राधिकारी या अभिकरण द्वारा आश्रयगृह का निरिक्षण कराएगी, रिपोर्ट तैयार कराएगी और उसके निष्कर्षो को अभिलिखित करेगी जिसमें निम्नलिखिर ब्यौरे होंगे-

(i)  आश्रय चाहने वाले व्यक्तियों को ग्रहण करने के लिए ऐसे आश्रयगृहों की अधिकतम क्षमता;

(ii)  महिलाओं के लिए आश्रयगृहों को चलाने के लिए सुरक्षित स्थान है और आश्रय गृहों के लिए स्थान में सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त है;

(iii) आश्रयगृहो के लिए कोई चालू टेलीफोन कनेक्शन या वासियों के उपयोग के लिए अन्य संसूचना माध्यम है।

 

3)  राज्य सरकार, संबद्ध संरक्षण अधिकारियों को विभिन्न स्थानों में सेवा प्रदाताओं की सूची उपलब्ध कराएगी और ऐसी सूची को समाचार पत्रों में भी प्रकाशित कराएगी या उसे वैब साइट पर रखेगी।

 

4) संरक्षण अधिकारी, सम्यक रुप से अनुक्रमांकित रजिस्टरों दवारा समुचित अभिलेखों के रजिस्टर रखेगा जिसमें सेवा प्रदाताओं के ब्यौरे भी होंगे।

Written by 11amol

September 22, 2011 at 11:06 am

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