घरेलु हिंसा पर प्रश्नोत्तर

अमोल मालुसरे से जानिए घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 व नियम 2006

अमोल मालुसरे- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के धारा 10 में विहित किये गये अनुसार कोई कम्पनी कि सेवा प्रदाता के रुप में जाने जानने की रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया क्या है व ऐसे सेवा प्रदाता के पास, जो उपधारा (1) के अधीन रजिस्ट्रीकृत है, उनकी शक्तियाँ क्या होंगी?

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उत्तर- घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10  सेवा प्रदाता में विहित किये गये अनुसार   

1. ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए जो इस निमित्त बनाए जाएं, सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 (1860 का 21)  के अधीन रजिस्ट्रीकृत कोई स्वैच्छिक संगम या कम्पनी अधिनियम  1956 (1956 का 1)  के अधीन या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन रजिसट्रीकृत कोई कम्पनी, जिसका उद्देश्य किसी विधिपूर्ण साधन द्वारा, महिलाओं के अधिकारी और हितों का संरक्षण करना है, जिसके अन्तर्गत विधिक सहायता, चिकित्सीय सहायता या अन्य सहायता उपलब्ध कराना भी है, स्वयं को इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए एक सेवा प्रदाता के रुप में राज्य सरकार के पास रजिस्टर कराएगी।

 

2. किसी सेवा प्रदाता के पास, जो उपधारा (1) के अधीन रजिस्ट्रीकृत है, निम्नलिखित शक्तियाँ होंगी-

क] यदि व्यथित व्यक्ति ऐसी वांछा करता हो तो विहित रुप में घरेलु हिंसा की रिपोर्ट अभिलिखित करना और उसकी एक प्रति, उस क्षेत्र में जहाँ घरेलु हिंसा हुई है, अधिकारिता रखने वाले मजिस्ट्रेट और संरक्षण अधिकारी को अग्रेषित करना;

 

ख] व्यथित व्यक्ति का चिकीत्सीय परिक्षण कराना और उस संरक्षण अधिकारी को और पुलिस थाने को, जिसकी स्थानीय सीमा के भीतर, घरेलु हिंसा हुई है, चिकित्सीय रिपोर्ट की प्रति अग्रेषित करना;

 

ग] यह सुनिश्चित करना कि व्यथित व्यक्ति, आश्रय गृह में आश्रय उपलब्ध कराया जाता है यदि वह ऐसी वांछा करती है और व्यथित व्यक्ति को, आश्रय गृह में सौंपे जाने की रिपोर्ट, उस पुलिस थाने को, जिसकी स्थानीय सीमा के भीतर घरेलु हिंसा हुई है, अगेषित करना।

 

3] इस अधिनियम के अधीन, घरेलु हिंसा के निवारण हेतु शक्तियों के या कृत्यों के निर्वहन में, सदभावपूर्वक की गई या की जाने केलिए आशयित किसी बात के लिए कोई भी वाद, अभियोजन या अन्य विधिक कार्यवाही, किसी सेवा प्रदाता या सेवा प्रदाता के किसी सदस्य के, जो इस अधिनियम के अधीन कार्य कर रहा है या करने वाला समझा जाता है या करने के लिए तात्पर्यित है, विरुद्ध न होगी।

Written by 11amol

September 22, 2011 at 10:42 am

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